रेवती नक्षत्र में जन्म लेने वाला पुरुष एक ईमानदार व्यक्ति होता है जो व्यवस्थित रहना पसंद करता है। इस नक्षत्र के जातक बहुत व्यावहारिक होते हैं और इन्हें इस बात की अच्छी समझ होती है कि चीजें और भावनाएं कैसे काम करती हैं। ये जीवन में अपने स्वयं के अनुभवों का उपयोग दूसरों का मार्गदर्शन करने के लिए करते हैं और इस प्रकार दूसरों के लिए काफी सहायक साबित होते हैं। रेवती नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक को बचपन से ही स्वतंत्र जीवन जीने की आदत होती है। इसलिए अगर कोई इन्हें नियंत्रित करने की कोशिश करता है तो इन्हें अच्छा नहीं लगता और ऐसे लोगों पर जल्द नाराज हो जाते हैं। नियंत्रित न होने का गुण इनके साथ साथ इनके जीवनसाथी में भी होता है। इस नक्षत्र का कोई भी जातक किसी अन्य व्यक्ति पर आसानी से भरोसा नहीं करता। लेकिन जब ये किसी पर भरोसा करते हैं और उसके साथ गहरा जुड़ाव महसूस करते हैं। ये लोग वफादार और बहुत महत्वाकांक्षी भी होते हैं। छोटी सी हार इन्हें निराशा के गर्त में डाल देती है।
रेवती नक्षत्र में जन्म लेने वाला पुरुष काम करने की इच्छा में विश्वास करता है । ये पुरुष अपने अनुभवों की परवाह किए बगैर हर तरह के काम करने पर भरोसा करते हैं। यही नहीं, ये लोग हर काम को गहरी लगन, उत्साह और ईमानदारी के साथ करते हैं। हालांकि, अपने अव्यवाहरिक निर्णयों के कारण इस नक्षत्र के जातक अकसर असफल हो जाते हैं। इसके विपरीत अगर इस नक्षत्र के जातक योजनाबद्ध तरीके से काम करें, तो उसमें सफल हाेने की संभावना बहुत ज्यादा होता है। यहां तक कि इन्हें इस स्थिति में सफल हाेने से कोई नहीं रोक पाएगा। जातक वैज्ञानिक प्रवृत्ति का होता है और इस प्रकार संबंधित किसी भी चीज़ में भविष्य बना सकता है। हालांकि, ये जितना काम करेंगे या मेहनत करेंगे, इन्हें उस हिसाब से पुरस्कार या परिणाम नहीं मिलेंगे, क्योंकि उन्हें अपने निवेश से सर्वोत्तम लाभ प्राप्त करने के लिए 50 वर्ष की आयु तक इंतजार करना होगा।
रेवती नक्षत्र में जन्म लेने वाले पुरुष को अपने पिता या करीबी सदस्यों से लाभ प्राप्त करने का सौभाग्य नहीं मिल सकता है। यह एक स्व-निर्मित व्यक्ति है और लोकाचार और दृष्टिकोण में अपने परिवार के सदस्यों से बहुत भिन्न होने की संभावना है। यह उसके परिवार के साथ उसकी असंगति का कारण बन सकता है। हालांकि, उसी स्वभाव का इनकी पत्नी पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। इनका वैवाहिक जीवन और पत्नी के साथ संबंध काफी अच्छे होंगे क्योंकि इनकी जीवन संगिनी स्थिति के अनुकूल ढलने वाली होगी और हर परिस्थिति को गले लगाने में सक्षम होगी।
रेवती नक्षत्र में जन्म लेने वाले पुरुष को अपने स्वास्थ्य की चिंता करनी पड़ती है। इन जातकों के लिए मामूली स्वास्थ्य समस्याएं जैसे बुखार, पेचिश या मुंहासे जैसी समस्याएं हमेशा मौजूद रहेंगी। इस नक्षत्र के जातकों को यह सुझाव दिया जाता है कि स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
रेवती नक्षत्र में जन्म लेने वाली महिलाएं दबंग स्वभाव की होती हैं। यह अपनी चीजों सहित सभी को नियंत्रित करने की कोशिश करती हैं। फिर चाहे वह इनके नियंत्रण में हो या न हो। इनके इसी स्वभाव के कारण, कई लोग इन्हें नापसंद करते हैं। इसके उलट ये महिलाएं अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में अपने द्वारा लिए गए सही निर्णयों के जरिए लोगों को प्रभावित कर सकती हैं। साथ ही रेवती नक्षत्र में जन्म लेने वाली महिला आध्यात्मिक और ईश्वर से डरने वाली होती हैं। यह अंधविश्वास में भी विश्वास रखती है और इस प्रकार सभी धार्मिक प्रथाओं और अनुष्ठानों का पालन करती है। ऐसा करने से उनको मानसिक शांति मिलती है। इन जातकों में जिंदगी में कुछ करने या कुछ हासिल करने की दृढ़ इच्छाशक्ति होती है। लेकिन उनका आलस्य उन्हें नई ऊंचाइयों तक पहुंचने से रोकता है। ये महिलाएं रिस्क लेने से भी डरती हैं। इसलिए जिंदगी में कुछ बड़ा हासिल नहीं कर पाती हैं।
रेवती नक्षत्र में जन्म लेने वाली महिला का झुकाव कला या गणित के प्रति स्वाभाविक रूप से होगा। ये महिलाएं करियर के लिए ऐसे क्षेत्र को चुन सकती हैं, जहां इन्हें जनता के साथ बातची तरनी हो जैसे प्रशासक या एयर होस्टेस। रेवती नक्षत्र में बृहस्पति जैसे मजबूत ग्रह, महिला को जनसंपर्क कार्य में शामिल होने या एक राजनयिक के रूप में योग्यता के साथ आशीर्वाद दे सकते हैं। हालांकि, अपने करियर में सर्वश्रेष्ठ पाने के लिए, रेवती नक्षत्र में जन्म लेने वाली महिला को अपने विचलित करने वाले स्वभाव पर नियंत्रण रखना होगा। उनके करियर का सबसे अच्छा समय 27 से 38 साल की उम्र का है।
रेवती नक्षत्र में जन्म लेने वाली महिला को सौहार्दपूर्ण प्रेम और वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलेगा। कुछ भी बड़ा उनके प्यार को बाधित नहीं करता है और यह अपने पहले साथी से भी शादी कर सकती है, जिसे यह कभी प्यार करती थी। रेवती नक्षत्र में जन्म लेने वाली महिला समर्पित प्रेमी होती है और अपने साथी की बहुत सहयोगी होती है। ससुराल पक्ष के साथ कभी-कभी छोटी-मोटी तकरार हो सकती है, लेकिन जल्द ही उन्हें सुलझा लेंगी।
रेवती नक्षत्र में जन्म लेने वाली महिला को कोई गंभीर स्वास्थ्य रोग नहीं होता है। हालांकि, 24 साल की उम्र के बाद पेट, पैर और कान में छोटी-मोटी बीमारियां अस्थायी चिंता का कारण बन सकती हैं।
रेवती नक्षत्र का पहला चरण धनु राशि नवांश में पड़ता है और बृहस्पति द्वारा शासित होता है। इस चरण में जन्म लेने वाले जातक आमतौर पर सभी को पसंद आते हैं। ये स्वभाव से धनी, ज्ञानी और न्यायप्रिय होंगे।
रेवती नक्षत्र का दूसरा चरण मकर नवांश में पड़ता है और इस पर शनि का शासन है। इस चरण में जन्म लेने वाले लोग यह सुनिश्चित करने का प्रयास करते हैं कि उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हों। ये प्रकृति में बहुत अधिक केंद्रित और संतुलित हैं।
रेवती नक्षत्र का तीसरा चरण शनि द्वारा शासित कुंभ नवांश में आता है। इस चरण में जन्म लेने वाले लोग आध्यात्मिक शिक्षा की लालसा रखते हैं। ये अपनी समस्याओं को लेकर सभी के लिए संपर्क का एक बिंदु बन सकते हैं।
रेवती नक्षत्र का चौथा चरण मीन नवांश में पड़ता है और बृहस्पति द्वारा शासित होता है। इस चरण में जन्म लेने वाले जातकों का जीवन काफी अस्थिर होता है और जातक आसानी से भ्रम में बह जाते हैं। यह बिल्कुल भी अच्छा चरण नहीं है।
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