शुक्र मंत्र

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शुक्र मंत्र: अर्थ, महत्व और लाभ

चूंकि ग्रह शुक्र सूर्य से दूसरा ग्रह है, इसलिए यह सबसे गर्म ग्रहों में से एक है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार इस ग्रह का संबंध अब तक के महान दार्शनिकों में से एक शुक्र या शुक्राचार्य से है। वह कई विषयों के बुद्धिमान ज्ञाता थे। चूंकि वह दैत्य एवं असुरों के सलाहकार और रक्षक थे, इसलिए वह संसारिक सुख-सुविधा संपन्न भी थे। कहा जाता है कि ऋषि ने अपना सारा धन राक्षसों को दे दिया था और स्वयं साधु के रूप में रहते थे। भगवान ब्रह्मा से प्रेरित होकर उन्होंने ग्रह बनकर तीनों लोकों के प्राणियों की रक्षा करने का निर्णय लिया था।

अनुकूल शुक्र

वेदों के अनुसार, जिस व्यक्ति की कुंडली में शक्तिशाली शुक्र ग्रह होता है, वह स्वाभाविक रूप से आत्मविश्वासी और उसे उत्तम सौंदर्यवान होता है। शुक्र ग्रह जातक के अच्छे गुणों और आकर्षण को बेहतर बनाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस किसी पर शुक्र ग्रह का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, उसकी जिंदगी में सभी आलीशान वस्तु, धन, सुंदर व्यक्तित्व और समर्पित जीवनसाथी होता है।

शुक्र ग्रह खुशहाल पारिवारिक जीवन, खूबसूरत जीवनसाथी, पारिवारिक प्रेम और सद्भाव, पति-पत्नी के बीच आत्मिक संबंध, सफलताएं, ऑटोमोबाइल, आधुनिक सुविधाएं, सजावट, आय, मूल्यवान वस्तु और सुखद जीवन से जुड़े अन्य आकर्षक पहलु जैसे समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ है। जो भाग्यशाली जातक इस ग्रह के प्रभाव में जन्म लेते हैं, वे भविष्य में सफल होते हैं।

शुक्र मंत्र
प्रतिकूल शुक्र

जिन लोगों की जन्म कुंडली में शुक्र खराब स्थिति में होता है, उन्हें जीवन भर कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इन लोगों के पास आलीशान वस्तुएं आसानी से नहीं आतीं, इनके पास आत्मवविश्वास की काफी कमी होती है और इनके रिलेशनशिप में भी कई बाधाएं आती रहती हैं। शुक्र मानव शरीर में त्वचा, गाल, आंख, प्रजनन प्रणाली और पाचन तंत्र का प्रभारी है। कुंडली में इस ग्रह के परिवर्तन से आंखों में तकलीफ, गैस क समस्या (जठरशोथ), त्वचा में जलन, मुंहासे और भूख कम लगना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

शुक्र मंत्र: वे कैसे मदद करते हैं?

वेदों के अनुसार, जिस किसी भी व्यक्ति के ज्योतिष कुंडली में शक्तिशाली शुक्र ग्रह होता है, उसमें अद्वितीय आत्मविश्वास और उत्तम सौंदर्य होता है। शुक्र जातक के आकर्षण और व्यक्तित्व में सुधार करता है। शुक्र मंत्र (shukra mantra) का जाप करने से भक्त को साहस, विश्वास, धन, भौतिक सुख, स्नेह, विवाह और सुखी वैवाहिक जीवन की प्राप्ति होती है। शुक्र मंत्र जीवन में सफलता प्राप्त करने में काफी सहायक सिद्ध होता है। विवाह प्रक्रिया की बेहतरी के लिए भी इस मंत्र का प्रयोग किया जा सकता है।

शुक्र मंत्र का जाप कैसे करें

  • यदि आप शुक्र मंत्र का जाप करना चाहते हैं, तो आपको सबसे पहले शुक्र यंत्र को खरीदना चाहिए।
  • पूजा कक्ष के अंदर चंदन पाउडर की मदद से रंगोली बनाएं। इसके बाद इसे सफेद तौलिये से ढक दें और इसके ऊपर यंत्र स्थापित करें।
  • यंत्र पर चंदन का लेप, हल्दी और सिंदूर लगाएं। इसके साथ ही वहां कुछ फूल रखें, मोमबत्ती और अगरबत्ती भी जलाएं।
  • एक चटाई पर बैठें और जाप माला के साथ मंत्र को दोहराना शुरू करें।
  • शुक्रवार को मंत्र जाप शुरू करने का सबसे अच्छा दिन है, क्योंकि यह भगवान शुक्र का दिन माना जाता है।

महत्वपूर्ण शुक्र मंत्र

1. शुक्र बीज मंत्र (shukra beej mantra)

जैसा कि नाम से स्प्ष्ट है कि यह मंत्र आध्यात्मिक शक्ति से ओतप्रोत कुछ शब्दों का संकलन है। बीज मंत्र तथाकथित है क्योंकि ये बीज की तरह स्वर्गीय गुणों से प्रभावि है। शुक्र बीज मंत्र यह सुनिश्चित करता है कि व्यक्ति हमेशा स्वस्थ एवं सभी प्रकार के सांसारिक सुखों से जुड़ा रहे। शुक्र बीज मंत्र का जाप करने से जातक को शांति और सुखी-समृद्ध जीवन जीने का अवसर मिलता है।

शुक्र बीज मंत्र है:

|| ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम: ||

अर्थ- इन ब्रह्मांडीय स्वरों में मुझे भगवान शुक्र की अनुभूति होती है। शुक्र के स्वामी को मेरे मन को प्रबुद्ध करने दो।

शुक्र बीज मंत्र के जाप के लाभ
  • शुक्र मंत्र विवाह और संतान प्राप्ति में आने वाली बाधाओं को दूर करने में मदद करता है।
  • जीवन में सांसारिक धन का सौभाग्य प्राप्त होता है।
  • इस मंत्र का रोजाना जप करने से महिलाओं को सौन्दर्यात्मक आकर्षण की प्राप्ती होती है।
  • जीवन की अनिश्चितताएं दूर हो सकती हैं और शांति तथा समृद्धि मिल सकती है।
  • विरोधियों के साथ कई मुद्दों पर हुए विवाद बिना किसी कठिनाई के हल हो जाते हैं।
  • किसी की कुंडली से शुक्र के सभी नकारात्मक प्रभावों को दूर करता है और उसकी व्यवसाय में समृद्ध होने में मदद करता।
  • यह महिला की दूसरों के प्रति आकर्षण को बढ़ाता है।
  • यह वित्तीय बाधाओं को दूर करता है, जिससे आप जीवन में बेहतर चीजों का आनंद ले सकते हैं।
शुक्र मंत्र के जाप के जाप करने का सर्वोत्तम समय शुक्रवार
इस मंत्र का जाप कितनी बार करें 108,324 या 2286 बार
शुक्र मंत्र का जाप कौन कर सकता हैं? कोई भी
किस ओर मुख करके जाप करें पश्चिम दिशा

2. शुक्र गायत्री मंत्र (shukra gayatri mantra)

शुक्र गायत्री मंत्र लोगों को कलात्मक क्षमता प्रदान करता है। शुक्र सभी ग्रहों में सबसे उदार है। शुक्र ग्रह को दैत्यों का गुरु माना जाता है। फलस्वरूप शुक्र का संबंध धन और सांसारिक सुख-सुविधाओं से भी है। जिनकी शुक्र दशा है, उन्हें अच्छे वैवाहिक जीवन के लिए इस ग्रह की पूजा करनी चाहिए। शुक्र एक कामुक ग्रह है, जो प्रेम को बढ़ाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं में, इन्हें 'शुक्र' के नाम से जाना जाता है। यह महान ऋषि भृगु और ख्याति के पुत्र हैं। शुक्र शरीर में प्रजनन प्रणाली, दृष्टि, गर्दन, चेहरे और गुर्दे को नियंत्रित करता है। शुक्राचार्य, धन ग्रह के स्वामी हैं, जिसमें धातु, कच्चा माल, जड़ी-बूटियाँ और पवित्र संग ईश्वरीय ज्ञान शामिल हैं।

शुक्र गायत्री मंत्र हैं:

|| ॐ अश्वध्वजाय विद्महे धनुर्हस्ताय धीमहि तन्नः शुक्रः प्रचोदयात् ॥

अर्थ- ओम, मैं उस देवता की पूजा करता हूं, जो घोड़े के झंडे के साथ हैं, जो धनुष-बाण धारण करते हैं। हे प्रभु मुझे बेहतर बुद्धि प्रदान करिए और शुक्र भगवान मेरे मन को रोशन करिए।

|| ॐ रजदाभाय विद्महे भृगुसुताय धीमहि तन्नो शुक्र: प्रचोदयात् ||

अर्थ- मैं भगवान शुक्र के सामने नतमस्तक हूं, जो ऋषि भृगु के वंशज हैं और एक सफेद घोड़े की सवारी करते हैं। उनके आशीर्वाद से मेरे अस्तित्व को प्रबुद्ध और रोशन करने दो।

शुक्र गायत्री मंत्र के जाप के लाभ
  • शुक्र गायत्री मंत्र शुक्र के सभी नकारात्मक गुणों को समाप्त करता है।
  • यह प्रजनन संबंधी समस्याओं और गुर्दे संबंधी विकारों से निपटने में मदद करता है।
  • शुक्र मंत्र हर परिस्थिति में सौभाग्य और समृद्धि ला सकता है।
  • यह शक्तिशाली एवं चुंबकीय मार्ग है, जिसका नियमित रूप से उपयोग किया जा सकता है।
  • यह एक शक्तिशाली मंत्र है जो आपको अनुकंपा और आकर्षण के स्पंदनों से जोड़ता है।
  • शुक्र गायत्री मंत्र लोगों को आकर्षित करता है और उनमें कलात्मक क्षमता प्रदान करता है।
  • सभी घरेलू अस्पष्टताएं हल हो जाती हैं और घर में स्थिरता, समृद्धि आती है।
शुक्र गायत्री मंत्र के जाप करने का सर्वोत्तम समय हर शाम
इस जाप को कितनी बार करें 108 बार
शुक्र गायत्री मंत्र क्या जाप कौन कर सकता हैं? कोई भी
इस मंत्र का जाप किस ओर मुख करके करें मुखी यंत्र

शुक्र मंत्र जाप के समग्र लाभ

  • इस मंत्र का जाप करने से कुंडली में किसी ग्रह की स्थिति के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने में मदद मिल सकती है।
  • शुक्र का प्रभाव व्यक्ति के आर्थिक, शारीरिक और वैवाहिक जीवन पर पड़ता है। नतीजतन इस मंत्र का रोजाना जाप करने से जीवन के इन क्षेत्रों से नकारात्मकता दूर रहती है।
  • यह ग्रह विलासिता, आराम, विवाह, जुनून, प्रतिभा और रचनात्मकता सहित अन्य चीजों से जुड़ा हुआ है। अच्छे प्रणाम के लिए इस मंत्र को दोहराने से कई लाभ मिल सकते हैं।
  • शुक्र अध्ययन और ज्ञान को भी दर्शाता है। अत: इस मंत्र का उच्चारण वे सभी कर सकते हैं, जो ज्ञान प्राप्त करने के इच्छुक हैं एवं जो नए सिरे से कुछ सीखने की चाहत रखते हैं।
  • शुक्र तामसिक गुणों से जुड़ा हुआ है इसलिए भौतिक सुख और विलासिता के लिए उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है।
  • शुक्र इच्छाशक्ति, साहस और दृढ़ता का प्रतीक है। नतीजतन, इस मंत्र का रोजाना जाप करने से आपको अपनी बुरी प्रवृत्ति को दूर करने में मदद मिल सकती है।
  • संजीवनी मंत्र शिव भक्त शुक्राचार्य को दिया गया था। नतीजतन, स्वस्थ जीवन के लिए इस मंत्र का जाप किया जा सकता है।

इस मंत्र को सच्चे समर्पण और अध्यात्म में पूर्ण विश्वास के साथ जपने से चमत्कार होता है। दुनिया के भेद को समझने के लिए ब्रह्मांड पर शासन करने वाली ताकतों यानी भगवान के सामने खुद को नतमस्तक करें।

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